Tuesday, November 8, 2011

Wo kehti hai suno jana


Hello Friends

this is a very nice Urdu romantic Poetry. Hope you all will like this one

वो  कहती  है  सुनो  जाना ,
मोहब्बत  मौम  का  घर   है ,
तपिश -इ -बुद -गुमानी  की ,
कहीं  पिघला  न  दे  इस  को ?
मैं  कहता  हूँ ,
जिस  दिल  मैं  ज़रा  भी  बद-गुमानी  हो ,
वहां  कुछ  और  हो  तो  हो ,
मोहब्बत  हो  नहीं  सकती ,
वो  कहती  है  सदा  ऐसे  ही ,
क्या  तुम  मुझ  को  चाहोगे ?
की   मैं  इस  मैं  कमी  कोई  भी ,
गवारा  कर नहीं  सकती ,
मैं  कहता  हूँ ,
मोहब्बत  क्या  है  ये  तुम  ने  सिखाया  है ,
मुझे  तुमसे  मोहब्बत  के  सिवा ,
कुछ  भी  नहीं  आता ,
वो  कहती  है ,
जुदाई  से  बहुत  डरता  है  मेरा  दिल ,
की  खुद  को  तुम  से  हट  कर  देखना ,
मुमकिन  नहीं  है  अब ,
मैं  कहता  हूँ ,
यही  खाद्शे   बहुत  मुझ  को  सताते  हैं ,
मगर  सच  है  मोहब्बत  मैं ,
जुदाई  साथ  चलती  है ,
वो  कहती  है ,
बताओ  क्या  मेरे  बिन  जी  सकोगे  तुम ?
मेरी  बातें , मेरी  यादें , मेरी  आँखें ,
भुला  दो  गे ?
मैं  कहता  हूँ ,
कभी  ऐसी  बात  पर सोचा   नहीं  मैं  ने ,
अगर  एक  पल  को  भी  सोचों  तो ,
साँसें  रुकने  लगती   हैं ,
वो  कहती  है  तुम्हें  मुझसे ,
मोहब्बत  इस  कदर  क्यों  है ?
की  मैं  एक  आम  सी  लड़की i,
तुम्हें  क्यों  ख़ास  लगती  हुँ?
मैं  कहता  हूँ ,
कभी  खुद  को  मेरी  आँखों  से  तुम  देखो ,
मेरी  दीवानगी  क्यों  है ,
ये  खुद  हे  जान  जाओगी ,
वो  कहती  है ,
मुझे  वाराफ्त्गी  से  देखते  क्यों  हो ?
की  मैं  खुद  को  बहुत  ,
कीमती  महसूस  करती  हूँ ,
मैं  कहता  हूँ,
माता -इ -जान  बोहत  अनमोल  होती  है ,
तुम्हें  जब  देखता  हूँ  जिंदगी ,
महसूस  करता  हूँ ,
वो  कहती  है ,
मुझे  अल्फाज़  के  जुगने नहीं  मिलते ,
की  तुम्हें  बता  सकूँ 
की दिल  मैं  मेरे  कितनी  मोहब्बत  है ,
मैं  कहता  हूँ ,
मोहब्बत  तो  निगाहों  से झलकती  है ,
तुम्हारी  ख़ामोशी  मुझ  से ,
तुम्हारी  बात  करती  है ,
वो  कहती  है ,
बताओ  न  किस  को  खोने  से  डरते  हो ?
बताओ  कौन   है  वो  जिसे ,
ये  मौसम  बुलाते  हैं ?
मैं  कहता  हूँ ,
यह  मेरी  शाएरी  है  आइना  दिल  का ,
ज़रा  देखो  बताओ  किया ,
तुम्हें  इस  मैं  नज़र  आया ?
वो  कहती  है ,
आतिफ  जी  बोहत  बातें  बनाते  हो ,
मगर  सच  है  ये  बातें ,
बोहत  हे  शाद   रखती  हैं ,
मैं  कहता  हूँ ,
यह  सुब  बातें  ये  फ़साने  एक  बहाना  हैं ,
क  पल  कुछ  जिंदगानी  की ,
तुम्हारे  साथ  कट  जाएँ ,
फिर  उस  के  बाद  ख़ामोशी  का ,
दिलकश   रक्स  होता  है ,
निगाहें  बोलती  हैं  और ,
लैब  खामोश  रहते  हैं …!!!

1 comment:

Anonymous said...

Thanks for the marvelous posting! I certainly enjoyed reading it, you will be a great author.I will
remember to bookmark your blog and may come back in the foreseeable
future. I want to encourage you to ultimately continue your great work, have a nice holiday weekend!


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