Thursday, June 30, 2011

Maa

Hi Friends,

This in another very touching and emotional composed by me dear Friend.
Hope you will like it.

माँ !!!!
जब भी याद आती है तेरी
दिल की जलन बढ़ जाती है......!
बदन से लपटें उठने लगती है...
तेरी ममता की यादों की सूखती जाती नदी ..
बहुत याद आती है .....माँ.......!!!

माँ,
जब ज़माने की परेशानियों की धूप तपती है
लू सी सुलगने लगती है
तेरे आँचल का सबसे ठंडा
तार -तार हो चुका साया
ओढने की कोशिश करता हूँ
फिर से एक और तार टूट जाता है!!!
तुम ,बहुत याद आती हो.....माँ......!!!

माँ,
जब भी मेरा मन
बहुत बीमार हो जाता है
कोई दवा असर नहीं करती ..
तेरी ममता की बची प्यारी घुट्टी ..
की एक बूँद पी लेता हूँ.....!
कुछ आराम आ जाता है
तुम बहुत याद आती हो............माँ...!!!

माँ ,
जब भी तुम ज़हन में आती हो
या याद दिला देता है कोई..
मन के छाले फूट जाते हैं ,
दिल बहुत भारी हो जाता है
और फिर.........तेरा दूध मेरी आखों से....!!
छलक के जार -जार बहने लगता है....!!!!

तुम बहुत याद आती हो ......माँ .!!!!!
बहुत-बहुत याद आती हो माँ !!!!!

1 comment:

Anonymous said...

Good! Wish everybody wrote so:D