Hello Friends,
Here is an old classic that all children in 1970s and 80s knew by heart. This was the famous song from the film Jagriti. Let us relish it once more.and remember those People
आओ बच्चो तुम्हे दिखाए झांकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो यह धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम ........
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विरत है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
Here is an old classic that all children in 1970s and 80s knew by heart. This was the famous song from the film Jagriti. Let us relish it once more.and remember those People
आओ बच्चो तुम्हे दिखाए झांकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो यह धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम ........
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विरत है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का यह घाट है
बात बात पे हट हट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो यह तस्वीरे अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से .........
यह है अपना राजपुताना नाज इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन कटा बरछी तीर कतारों पे
यह प्रताप का वतन पला है आजादी के नारों पे
कूद पडी थी यहाँ हजारो पद्मिनिय अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुर्बानी
राजस्थान की देखो मुल्क मराठो का यह यहाँ शिवाजी डोला था
मुघलो की ताकत को जिसने तलवारों पे टोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर हर महादेव की बच्चा बच्चा बोला था
यहाँ शिवाजी ने राखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से .........
जलियाँ वाला बाग यह देखो यहाँ चली थी गोलिया
यह मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलिया
एक तरफ बंदूके दन दन एक तरफ थी टोलिया
मरनेवाले बोल रहे थे इन्कलाब की बोलिया
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बजी अपनी जन की
इस मिट्टी से .........
यह देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढला है इसको बिजली ने भूचालो ने पला है
मुट्ठी में तूफान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमी है यही हमारे वीर सुभाष महँ की
iss mittee se.........
बात बात पे हट हट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो यह तस्वीरे अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से .........
यह है अपना राजपुताना नाज इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन कटा बरछी तीर कतारों पे
यह प्रताप का वतन पला है आजादी के नारों पे
कूद पडी थी यहाँ हजारो पद्मिनिय अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुर्बानी
राजस्थान की देखो मुल्क मराठो का यह यहाँ शिवाजी डोला था
मुघलो की ताकत को जिसने तलवारों पे टोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर हर महादेव की बच्चा बच्चा बोला था
यहाँ शिवाजी ने राखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से .........
जलियाँ वाला बाग यह देखो यहाँ चली थी गोलिया
यह मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलिया
एक तरफ बंदूके दन दन एक तरफ थी टोलिया
मरनेवाले बोल रहे थे इन्कलाब की बोलिया
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बजी अपनी जन की
इस मिट्टी से .........
यह देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढला है इसको बिजली ने भूचालो ने पला है
मुट्ठी में तूफान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमी है यही हमारे वीर सुभाष महँ की
iss mittee se.........
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