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Sunday, March 17, 2013
This poem is written by Alok Kumar. When i read this poem for first time i was really impressed. This poetry is dedicated to all the youngster of India who to achieve something in their life. यह कविता उन सभी के लिए है जो अपनी लाइफ में कभी कभी इतना आगे बर जाते हैं की उन्हे कुछ भी नही दिखता. जब मैने ये कविता पड़ी मुझे लगा की यह कविता आज के नवयूको के लिए सही है.
I really loved this poetry and it touched my heart
कोई औरत जब थपकी से,
अपने बच्चे को सुलाती है!
खुद तो धूप सहती है,
बच्चे को आँचल ओढ़ाती है!
तो यह देख कर, माँ तुम्हारी याद आती है!!
पालने में सोता सोता,
अचानक चौक के राये!
चूल्हे पे खाना जलता,
छोड़ के वो भागती है !!
मेरे लाल का चेहरा कहीं लाल न हो जाये,
रोते-रोते कहीं बेहाल न हो जाये!!
माँ अपने बच्चे को खिलोने से खिलाती है,
तो यह देख कर,माँ तुम्हारी याद आती है!!
जब परीक्षा के दिन चिंटू घबराता है,
किताब खोल के बस के पीछे भागता है!
माँ भाग कर उसे दही चीनी खिलाती है,
रास्ते के मंदिर में, हाथ जोड़ के जाना,
कोई गरीब दिख जाये तो दो रुपये देते जाना!
खाना परोस के परीक्षा का हाल पूछती है,
फिर मंदिर में अच्छे नंबरों की मन्नत मांग आती है,
तो ये सोच, आंखें नम, माँ तुम्हरी याद आती है !!
पिता की डांट का सिलसिला,
जब कम नहीं होता!
माँ का पिता को समझाना की, डांटना कोई हल नहीं होता!
इस बार जरूर कुछ करके दिखायेगा,
अपने क्लास में अव्वल जरूर आएगा!
चुपके चुपके से कहीं रो भी आती है ,
तो यह देख के माँ तुम्हारी याद आती है!!
कॉलेज के दिनों में मस्ती करके घर देर से आना,
फिर कोई पुराना सा बहाना बनाना,
पिता से लड़ के, हर जिद चिंटू की पूरी कराती है,
अपने बचे चुराए पैसे बेटे को दे देती है!
हर गलती को माफ़ कर वो मुस्कुराती है
तो ऐसे में माँ तुम्हारी याद आती है
उम्र के साथ जिद की लिस्ट भी बढ़ती जाती है,
अपनी पसंद की शादी की जिद,
अलग रहने की जिद, विदेश जाने की जिद,
अपनी तरह जीने की जिद,
चिंटू की दुनिया में, अब वो नहीं रहती,
माँ से बात करने की फुर्सत भी नहीं रहती,
बिना उफ़, बिना शिकायत, माँ !!माँ!!
बूढी माँ जब अंतिम सांसें गिनती है,
और बार-बार, चिंटू के पिता से कहती है!
अभी फ़ोन मत करना अमेरिका में दिन होगा,
चिंटू किसी मीटिंग के बीच होगा!!
चिंटू को खबर दे देना पर परेशान मत करना,
मुझे आग दे देना और तस्वीर ईमेल कर देना!!
इन अंतिम शब्दों से, जब दुनिया से जाती है,
हर पल माँ बस तुम्हारी याद आती है!!
ये जान जाती है!
जहां रहो खुश रहो कहती जाती है,
यह सोच आंखें नम, मां तुम्हरी याद आती
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